Wednesday 14 October 2015

बुरी नज़र

व्यक्ति की ईर्ष्या से उत्पन्न विचारों की ऊर्जा बहुत अधिक है तो उन विचारों की ऊर्जा अमीर पडोसी के जीवन में मुश्किलें पैदा कर सकती है और इसी को कहते हैं बुरी नज़र । आमतौर से जिन लोगों का इश्वर पर विशवास नहीं होता या जो धार्मिक नहीं होते या फिर ऐसे लोग जो शारीरिक या मानसिक रूप से कमज़ोर होते हैं उनपर बुरी नज़र जल्दी लगती है । इसीलिए महिलायें और बच्चे बुरी नज़र का शिकार बहुत जल्दी हो जाते हैं । 
चन्द्र: जिन लोगों की कुंडली में चन्द्रमा कमज़ोर होता है वो बुरी नज़र से जल्दी प्रभावित होते है क्योंकि चन्द्रमा का इंसानी भावनाओं पर अधिकार है । चन्द्रमा पर राहू के असर से भी नज़र लग सकती है । 
राहू और केतु: राहू का गुप्त विद्याओं पर अधिकार है और राहू और केतू का असामान्य गतिविधियों पर भी अधिकार है इसलिए ये दोनों ग्रह भी बुरी नज़र को दर्शाते हैं । 
शनि: शनि अगर राहू या केतु के साथ लग्न में बैठा हो तो ऐसा व्यक्ति बुरी नज़र से प्रभावित हो सकता है ।
1) गायत्री मंत्र और हनुमान चालीसा रोज़ जपने वालों का बुरी नज़र और ऊपरी हवाओं से बचाव होता है ।
2) एक फिटकरी का टुकड़ा लें पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उल्टा वार कर एक गरम तवे पर डाल  दें । पहले यह तरल पदार्थ में बदल जाएगा उसका बाद थोड़ी देर में फिर से सख्त हो जाएगा । जब ये पिघल कर फिर सख्त हो जाए तब इसे तवे से उतार लें। अब इसे एक चौराहे पर जाकर दक्षिण दिशा की और फैंक कर सीधा घर आ जाएँ फैंक कर वापिस आते समय पीछे मुड़कर न देखें । और इसे गुप्त रखें । गुग्गुल, लोबान और कपूर इकठे करके जलाइए और इसका धुआं घर या ऑफिस में फैला दीजिये । 
5) लाल मिर्च, राई और नमक इकठा लेकर पीड़ित व्यक्ति के ऊपर से 7 बार वार कर जला दें । अगर कोई बदबू न आये तो समझ लीजिये की नज़र लगी हुई थी । 
अगर आप मानसिक रूप से मज़बूत हैं, धार्मिक है ईश्वर में अटूट आस्था है तो फिर बुरी नज़र या ऊपरी हवाओं का आपके ऊपर कोई असर नहीं होगा । 
जैसा ही आपका विशवास ईश्वर से कम होना शुरू होगा वैसे ही नकारात्मक शक्तियां आपके ऊपर अपना असर डालना शुरू कर देंगी ।

No comments:

Post a Comment