Thursday, 21 August 2014

ठोकरें खा कर भी ना संभले
तो मुसाफ़िर का नसीब,
वरना पत्थरों ने तो
अपना फर्ज़ निभा ही दिया....!!


दुआ करते है आपको
किसी बात का गम ना हो...

आपकी आँखे 
किसी बात पर कभी नम ना हो...

हर रोज 
मिले आपको एक नया दोस्त...

पर...
किसी मेँ हमारी जगह लेने का- दम ना हो

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